प्रत्येक कार्य सावधानी पूर्वक करें
दिनांक 15.04.2018 श्री दिगम्बर जैन अतिशय क्षेत्र क्षेत्रपाल मन्दिर ललितपुर में प्रातःकाल धर्मसभा को संबोधित करते हुए आचार्य श्री ज्ञानसागर जी महाराज ने अपनी पीयूष वाणी द्वारा कहा कि जो भी क्रियाएं करो बड़ी सावधानी के साथ करना चाहिए, जब भी चलो देखकर चलो, आपकी कोई भी प्रवृत्ति से जीवों की हिंसा न हो, इसका ध्यान रखना चाहिए।
नीचे देखे तीन गुण, पड़ी वस्तु मिल जाये।
ठोकर लागे से बचे, जीव जंतु बच जाए।।
विवेकपूर्वक कार्य करें चाहे दरवाजा लगाते समय, सामान उठाते समय, चूल्हा जलाते समय ताकि जीवों की रक्षा हो सके। किसी के प्रति बुरे विचार मत लाओ, अन्यथा आप हिंसक कहलायेंगे। आज रसोई घर मे द्रव्य, क्षेत्र, काल, भाव की शुद्धि नहीं है। बिना धुला सामान, मर्यादा बाहर सामान से द्रव्य शुद्धि नहीं रहती। जिस स्थान पर भोजन बनाते हैं वहां मल मूत्र का स्थान नहीं होना चाहिए, जीव राशि नहीं होना चाहिए, पर्याप्त मात्रा में हवा, प्रकाश होना चाहिए।
रसोईघर चौके की बजाय किचन बन गया है। जहां किच किच वह किचन और जहां द्रव्य क्षेत्र काल भाव की शुद्धि वह चौका। रेडीमेड माल चमकीला चमकीला अच्छा लगता है, अंदर के हानिकारक तत्व पर भी ध्यान दें।अतः किचन को चौका बनाये। खाना शुद्ध होगा तो आपके भाव शुद्ध होंगे और स्वस्थ रहेंगे। ये बातें छोटी है मगर रहस्यपूर्ण। अतः प्रत्येक क्रिया होशपूर्वक, सावधानीपूर्वक करें।