“प्राच्य श्रमण भारती”
प्राचीन जैन ग्रन्थों की पांडुलिपियों का संकलन , संरक्षण एवं प्रकाशन , लोकोपयोगी सत्साहित्य को सर्व सुलभ करने एवं आगम ग्रथों की प्रकाशन की क्षीण होती परम्परा को पुनर्जीवित करने के भाव से प्राच्य श्रमण भारती की स्थापना 1991 में झारखण्ड में हुई , और प्रधान कार्यालय सन् 1996 में मुज़फ्फरनगर में खोला गया।
जिनवाणी के प्रति अनन्य अनुराग रखने वाले सरकोद्धारक संत परम पूज्य आचार्य श्री 108 ज्ञानसागर जी महाराज की प्रशस्त प्रेरणा से स्थापित इस संस्था द्वारा अल्पावधि में लगभग शताधिक गन्थों का प्रकाशन किया जा चुका है । अनेक ग्रंथो के अनेक संस्करण भी निकल चुके है।
संपर्क सूत्र :- रविन्द्र कुमार जैन : +919897577474 / मनीष कुमार जैन : +919456889090