Jain Dharm Jagriti Sansthan
परम पूज्य आचार्य श्री 108 ज्ञानसागर जी महाराज के पावन चरणों का बुलंदशहर( उत्तर प्रदेश) की धरा पर स्पर्श प्रथम बार 1990 के आसपास हुआ था । उसके पश्चात् 27 वर्ष के अंतराल के बाद , गुरुदेव का आगमन 18 मार्च 2017 को बुलंद शहर में पुनः हुआ । इस मंगल प्रवास में अनेक धार्मिक कार्यक्रमो का आयोजन हुआ और 20 मार्च 2017 को आचार्य श्री आगे चल दिए । शहर का युवा वर्ग गुरुदेव से बहुत प्रभावित हुआ और उनके आशीर्वाद से एक युवा संघ का निर्माण दिनांक 23 अप्रैल 2017 को किया जिसका नाम “जैन धर्म जागृति संस्था “रखा गया ।
संघ के द्वारा निम्न कार्य किए जाएंगे :-
“गुरु सेवा”
शहर में महाराज जी एवं किसी भी त्यागी या साधु के विहार के व्यवस्था, रुकने के स्थान पर साफ सफाई की व्यवस्था। आहार के स्थान तक जल ले जाने और लाने की व्यवस्था।
“जनसेवा”
गरीबो में दान करने हेतु घर से नए व पुराने कपड़े एवं सामान एकत्रित किया जाएगा।
“जिनवाणी सेवा”
जो भी शास्त्र जी ,कैलेंडर ,फोटो एवं धार्मिक सामग्री जो कि समाज के घरों में रखी है और अविनय को प्राप्त होती है ऐसी आगमवाणी को एकत्रित करके सही स्थान तक पहुंचाया जाएगा ।
“धर्म प्रभावना”
हर जैन परिवार के घर एवं दुकानों पर जैन ध्वज कार्यकर्ताओं द्वारा लगाया जाएगा। संघ के सदस्यों द्वारा प्रतिदिन अभिषेक किया जाएगा ।सप्ताह में एक दिन सामूहिक पूजन एवं आरती की शुरुआत की जाएगी ।
समपर्क सूत्र निपुण जैन-9458032779 / संभव जैन- 8791289555