Gyaan Sagar Yuva Sangh

“ नजफगढ़ मेँ आए थे गुरुवर, ज्ञान की गंगा बहा गए,
जो भूले थे धर्म ध्यान को, उनको राह दिखा गए”

परम पूज्य जगतगुरू आचार्य श्री ज्ञानसागर जी महाराज के श्री चरण धर्मनगरी नजफगढ़ की पावन धरा पर प्रथम बार सन् 1991 मेँ पदार्पण हुआ था , उसके बाद 23 वर्ष के लंबे अंतराल के पश्चात् 14 फरवरी 2014 को नजफगढ़ मे पुनः गुरूदेव का मंगल आगमन हुआ , इस प्रवास के दौरान, आचार्य श्री की कठिन चर्या और वात्सल्य के कारण हर वर्ग के व्यक्ति विशेषत: युवा हनुमान बनकर आचार्य श्री मेँ अपने श्रीराम को देखने लगे ,इस प्रवास में अनेक धार्मिक कार्यक्रमो का आयोजन किया गया ओर देखते ही देखते 22 फरवरी 2014 को आचार्य श्री अपने चरणों की छाप विभिन्न घरों के साथ-साथ जनसमुदाय के ह्रदय मेँ छोड़ते हुए निर्मोही बनकर आगे चल दिए।

गुरूदेव के विहार के पश्चात् कुछ युवाओं ने मिलकर एक संघ “ज्ञानसागर युवा संघ” का निर्माण किया और विभिन्न क्षेत्रो मेँ गतिविधियाँ प्रारंभ की।

संघ संचालक क्षेत्र (नजफगढ़) में संघ की विभिन्न गतिविधियाँ:-

आरती मंडल का निर्माण:-
7 मार्च 2014 वार रविवार से प्रत्येक रविवार श्री दिगम्बर जैन जती जी आश्रम पर आरती की जाती है

व्हाटस् ऐप (Whats’app) पर ग्रुपो का संचालन:-
15 मार्च 2014 को जैन धर्म की सूचनाओं के प्रचार एंव प्रसार के लिए Whatsapp पर पहला ग्रुप बनाया, जो आज सैकड़ो की संख्या मेँ चल रहे हैं

फेसबुक (Facebook) से प्रचार-प्रसार :-
1 जुलाई, 2014 से अब तक फेसबुक के माध्यम से देश- विदेश में रहने वाले लगभग हजारो गुरुभक्तो तक गुरुदेव का सन्देश एवं सूचनायें पहुंचाई जाती है |

यू ट्यूब (Youtube)पर भजन एवं प्रवचन:-
यू ट्यूब पर संघ द्वारा निर्मित आचार्य श्री की चर्या एवं जीवन पर आधारित भजन एवं गुरूदेव के प्रवचन जोड़े जाते हैं

जन सेवा का कार्य:-
संघ की विभिन्न शाखाओं द्वारा जरुरतमंदोको गर्म कपड़े बाँटे जाते हैं एवं उपयोग में न आने वाली और जीर्ण- शीर्ण जिनवाणी को रीसायकल करने हेतु एकत्रित किया जाता है |

आचार्य श्री के मंगल आशीर्वाद एवं मार्गदर्शन से 11 महीने पुराना संघ एक विशाल संगठन मेँ बदल चुकाहै। इस संगठन(ज्ञानसागर युवा संघ) से आप भी जुड़े और अपनो को भी जुड़वायें।