युवा पीढ़ी को तनाव और अनिद्रा से बचाएं : आचार्य श्री ज्ञानसागर

परम पूज्य संत शिरोमणि आचार्य श्री 108 विद्यासागर जी महाराज के संयम स्वर्ण महोत्सव वर्ष के उपलक्ष्य में परम पूज्य सराकोद्धारक ,षष्ठम पट्टाचार्य, आचार्य श्री 108 ज्ञानसागर जी महाराज की प्रेरणा एवं आशीर्वाद से श्रुत संवर्धन संस्थान, मेरठ, संस्कृति संरक्षण संस्थान दिल्ली के तत्वावधान में श्रुत संवर्धन ज्ञान संस्कार शिक्षण शिविरों का आयोजन टीकमगढ़- झांसी-ललितपुर के विभिन्न अंचलों में 4 से 13 जून 2018 तक बड़े ही उत्साह से आयोजित हुए, सभी शिविरों का सामूहिक समापन समारोह श्री दिगम्बर जैन अतिशय क्षेत्र करगुवां जी में 13 जून को प्रातः 8 बजे से उत्साह पूर्वक आयोजित किया गया। समारोह के मुख्य अतिथि पूर्व केंद्रीयमंत्री प्रदीप जैन आदित्य तथा विशिष्ट अतिथि उत्तर प्रदेश सरकार के राज्य मंत्री हरगोविंद कुशवाहा रहे। चित्र अनावरण, दीप प्रज्वलन, मंगलाचरण और संगीतमयी नृत्य के साथ समारोह की शुरुआत हुई।

झांसी, टीकमगढ़, ललितपुर, जखौरा, तालबेहट, गुरसराय, सकरार, पृथ्वीपुर, निवाड़ी आदि में आयोजित इन शिविरों में ज्ञानदर्पण भाग 1, 2 छहढाला, भक्तामर स्तोत्र, तत्वार्थ सूत्र, द्रव्य संग्रह आदि में प्रथम, द्वितीय, तृतीय स्थान प्राप्त करने वाले 210 मेधावियों को पुरस्कृत किया गया।

उक्त शिविरों में अध्यापन कराने वाले श्रमण संस्कृति संस्थान सांगानेर जयपुर, श्रमण ज्ञान भारती मथुरा, स्याद्वाद महाविद्यालय बनारस आदि के विद्वानों सम्मानित किया गया।
ब्र.अनीता दीदी ने रात्रि में 10 बजे के बाद मोबाइल प्रयोग न करने का संकल्प दिलाया और भोजन करते हुए टीवी न देखने की सभी से अपील की। उन्होंने आचार्य श्री ज्ञानसागर जी महाराज के विराट व्यक्तित्व पर प्रकाश डाला।

शिविर समिति के मुख्य संयोजक ब्र. जय कुमार निशान्त जी टीकमगढ़ ने कहा कि परम पूज्य आचार्य श्री 108 ज्ञानसागर जी महाराज की प्रेरणा से सन 2000 से 12 राज्यों के 1000 स्थानों पर ये शिविर आयोजित हो चुके हैं। श्रुत संवर्धन ज्ञान संस्कार शिक्षण शिविर एक बार फिर बुंदेलखंड के विभिन्न अंचलों में आयोजित हुये, जिनसे महती प्रभावना हुई है।

आचार्य श्री ने इस अवसर पर अपने मंगल उदबोधन में कहा कि सभी उत्तम जीवन शैली अपनाने का संकल्प लें। प्रतिदिन मंदिर जाकर भगवान के दर्शन करें। टीवी देखते हुए भोजन न करें। फास्ट फूड खाने से बचें। अपने माता पिता की आज्ञा का पालन करते हुए देश व समाज के हित में कार्य करने के लिए संकल्पित हों। उन्होंने कहा कि भौतिक सुविधाओं को जुटा लेने और अच्छे स्कूलों में एडवीशन लेने के बाद भी 40प्रतिशत बच्चों में डिप्रेशन और नींद न आने की शिकायत हो रही है। यह युवा पीढ़ी के लिए घातक है। अतः जरूरी है कि भारतीय संस्कृति के अनुरूप जीवन जियें। मोबाइल, इंटरनेट की लत ने युवा पीढ़ी को बहुत हानि पहुचाई है। देर रात्रि तक मोबाइल का उपयोग स्वास्थ्य और मस्तिष्क के लिये हानिकारक है। इन शिविरों के माध्यम से पाश्चात्य की ओर बड़ रही युवा पीढ़ी को नैतिक शिक्षा देकर उन्हें संस्कारित करना हमारा उद्देश्य है।

विशिष्ट अतिथि राज्यमंत्री श्री हरगोविंद जी कुशवाहा ने कहा कि आचार्य श्री ज्ञानसागर जी महाराज युवा पीढ़ी को सार्थक दिशा दिखा रहे हैं। उनका यह परम उपकार हम सभी के लिए वरदान है।

पूर्व केंद्रीय मंत्री प्रदीप जैन आदित्य ने कहा कि पाश्चात्य संस्कृति से लुप्त होते नैतिक संस्कार, विलुप्त होते आदर्शों को पुनः जीवित करने के लिए इन शिक्षण शिविरों का आयोजन होता आ रहा है । उन्होंने आचार्य श्री ज्ञानसागर जी महाराज के द्वारा जैन संस्कृति के उन्नयन के लिए दिए जा रहे योगदान को स्तुत्य, अभिवंदनीय और प्रेरणादायी बताया।

अध्यक्षता जैन पंचायत झाँसी के अध्यक्ष श्री प्रकाश चंद जैन एडवोकेट ने की। समारोह का संचालन शिविर समिति के सह निर्देशक द्वय डॉ. निर्मल शास्त्री टीकमगढ़ और डॉ. सुनील जैन संचय ललितपुर ने संयुक्त रूप से किया। झाँसी जैन पंचायत की ओर से आभार महामंत्री प्रवीण जैन दैनिक विश्वपरिवार ने और शिविर समिति की ओर से सुनील प्रसन्न शास्त्री नागौद ने व्यक्त किया। ज्ञान माइनॉरिटी एजुकेशन एण्ड वेलफेयर फाउण्डेशन के महामंत्री श्री प्रवीण जैन झाँसी ने कहा कि उत्तर प्रदेश, मध्यप्रदेश, राजस्थान, महाराष्ट्र, बंगाल, छत्तीसगढ़ आदि विभिन्न राज्यों में ग्रीष्मकाल में धार्मिक एवं नैतिक शिक्षा प्राप्त करके युवा पीढ़ी को स्वर्णिम भविष्य का मार्ग प्राप्त हो रहा है। इस अवसर पर जैन पंचायत ललितपुर के अध्यक्ष अनिल अंचल, जैन पंचायत झाँसी के महामंत्री प्रवीण जैन विश्व परिवार, जैन पंचायत के मंत्री सुभाष जैन,राजेन्द्र जैन लल्लू, संजीव जैन ममता स्पोर्ट्स, जिनेंद्र जैन डिस्को, राहुल जैन, श्रीमती वीणा जैन, ऋषभ जैन , चक्रेश जैन तालबेहट, डॉ के सी जैन, डॉ जिनेंद्र जैन, जिनेंद्र सराफ, राजीव अहिंसा, संजय कर्नल, आनंद जैन, राजेश जैन, संतोष जैन, अजय धमासिया, रविन्द्र रेल्वे, डॉ अमित जैन, इंजीनियर के सी जैन, पंडित पदमचंद्र शास्त्री, इंजीनियर सतीश जैन, धनपाल जैन, प्रवीण जैन सांध्य महालक्ष्मी दिल्ली, पंडित अजित जैन आदि अनेक गणमान्य लोगों की गरिमामय उपस्थिति रही। शिविरों को सफल बनाने में मुख्य संयोजक ब्र. जयकुमारजी निशान्त भैया, सह निर्देशक डॉ. निर्मल जैन शास्त्री टीकमगढ़, डॉ. सुनील संचय ललितपुर, संयोजक मनीष शास्त्री शाहगढ़, चेतन शास्त्री बंडा, सुनील प्रसन्न शास्त्री हटा, क्षेत्रीय संयोजक राजेश शास्त्री सेसई आदि का उल्लेखनीय योगदान रहा।