तत्वार्थ सूत्र और रत्नकरण्ड श्रावकाचार जी में वर्णित व्रतों का तुलनात्मक अध्ययन
तत्वार्थ सूत्र में सप्तम अध्याय में भी इन 12 व्रतों का वर्णन है। वहां पाँचों अणुव्रतों की पांच पांच भावनाएं भी बताई है। अहिंसा व्रत की पांच भावनाएं – वचन…
तत्वार्थ सूत्र में सप्तम अध्याय में भी इन 12 व्रतों का वर्णन है। वहां पाँचों अणुव्रतों की पांच पांच भावनाएं भी बताई है। अहिंसा व्रत की पांच भावनाएं – वचन…
रत्नकरण्ड श्रावकाचार सार ग्रंथकार – समन्तभद्र स्वामी। महान तेजस्वी विद्वान, प्रभावशाली दार्शनिक, महावादी विजेता, प्रथम संस्कृत कवि एवं प्रथम स्तुतिकार। धर्म, न्याय, व्याकरण, साहित्य, ज्योतिष, आयुर्वेद आदि सभी विद्याओं में…