हुंडा अवसर्पिणी काल से क्या क्या परिवर्तन हुए?
- भगवान आदिनाथ का जन्म तीसरे काल में हुआ -इससे 6 विद्या के उपदेश जो अंतिम कुलकर देते हैं भगवान आदिनाथ ने दिए।
- तीर्थंकर के कन्या/ पुत्री का जन्म (आदिनाथ भगवान के ब्राह्मी और सुंदरी)
- सभी तीर्थंकर का जन्म अयोध्या में नहीं हुआ (जबकि अयोध्या सब तीर्थंकर की जन्म स्थली होना चाहिए )
- सभी तीर्थंकर सम्मेदशिखर से मोक्ष नहीं (04 तीर्थंकर अलग जगह से मोक्ष )
- बाल ब्रह्मचारी तीर्थंकर (तीर्थंकर बाल ब्रह्मचारी नहीं होते, वे हमारे मार्गदर्शक हैं और राज्य करने के साथ ही गृहस्थ से लेकर आत्मकल्याण तक के चरों पुरुषार्थ करते हैं ।)
- चक्रवर्ती का अपमान (भरत चक्रवर्ती का अपमान भाई बाहुबली द्वारा हराकर )
- तीर्थ काल का विच्छेद (शांतिनाथ भगवान तक तीर्थ काल का विच्छेद हुआ )
- तीर्थंकर पर उपसर्ग (तीर्थंकर पर उपसर्ग नहीं होते )
- तीर्थंकरों का अनेक पदवी धारी होना। (जैसे शांतिनाथ, कुंथुनाथ, अरहनाथ भगवान का चक्रवर्ती होना )