देवदर्शन विधि

देवदर्शन विधि स्नान करके, स्वच्छ वस्त्र (धोती-दुपट्टा अथवा कुर्ता-पायजामा) पहनकर तथा हाथ में धुली हुई अष्ट द्रव्य लेकर, नंगे पैर, नीचे देखकर, जीवों को बचाते हुए, प्रभुदर्शन की तीव्र भावना…

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रात्रि भोजन त्याग

रात्रि भोजन त्याग जीव रक्षा व स्वास्थ्य हेतु रात्रि भोजन का निषेध आवश्यक है। दिन में सूर्य की किरणें रहने तक वातावरण में सूक्ष्म जीवों की उत्पत्ति नहीं होती। रात्रि…

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स्वास्तिक क्या ? क्यों ? कैसे ?

स्वास्तिक क्या ? क्यों ? कैसे ? स्वास्तिक अत्यंत मांगलिक एवं गूढ़ अर्थ रखने वाली मंत्र या आकृति है। जिसे हम हर मांगलिक कार्यक्रम चाहे वह लौकिक हो या धार्मिक…

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सम्यक्दर्शन

सम्यक्दर्शन छहढाला की तीसरी ढाल के 12 वें काव्य में कवि दौलतराम जी ने सम्यग्दर्शन के आठ अंगों का वर्णन इस प्रकार किया है जिन वच में शंका न धार…

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कायोत्सर्ग किसे कहते हैं ?

कायोत्सर्ग किसे कहते हैं ? काया (शरीर) से उत्सर्ग (मोह छोड़कर) णमोकार मंत्र के आलम्बन से साँस के आने जाने पर ध्यान लगाते हुए – साँस लेते समय णमो अरिहंताणं…

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आहार दान विधि

आहार दान विधि साधु श्रावक से धर्म साधन के लिए, क्षुधा का उपशमन करने के लिए तथा मोक्ष की यात्रा के साधन हेतु आहार लेते हैं। शुद्ध मन वचन काय…

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हुंडा अवसर्पिणी काल से क्या क्या परिवर्तन हुए?

हुंडा अवसर्पिणी काल से क्या क्या परिवर्तन हुए? भगवान आदिनाथ का जन्म तीसरे काल में हुआ -इससे 6 विद्या के उपदेश जो अंतिम कुलकर देते हैं भगवान आदिनाथ ने दिए।…

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जैनधर्म की मौलिक विशेषताएँ

जैनधर्म की मौलिक विशेषताएँ अपनी इन्द्रियों, कषायों और कर्मो को जीतने वाले जिन कहलाते हैं| जिन के उपासक को जैन कहते हैं। जिन के द्वारा कहा गया धर्म जैनधर्म है।…

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भक्ष्य व अभक्ष्य विवेक – जैन आहार विज्ञान

भक्ष्य व अभक्ष्य विवेक – जैन आहार विज्ञान भक्ष्य का अर्थ खाने योग्य और अभक्ष्य का अर्थ नहीं खाने योग्य। जो वस्तुएं विशेष जीव हिंसा में कारण हैं, स्वास्थ्य के…

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