Bhartiya Digambar Jain Sarak Trust
सराकक्रांति – सराकोद्धारकीयोजना
(एक नए देश के निर्माण जैसा कार्य )
सराक, जो भगवान महावीर के ही वंशज थे, जैन धर्म के अनुयायी थे
किन्तु समय के थपेड़ो ने जिन्हे जैन समाज की मुख्यधारा से दूर कर दिया था, वे जैन होकर भी जैन नहीँ कहलाते थे।
सराक क्षेत्र (बंगाल, बिहार, उड़ीसा के कुछ क्षेत्र) मेँ देश के किसी भी दिगम्बर साधु का आगमन नहीँ हुआ था । सराक बंधुओं के आग्रह (मानों अभिशप्त अहिल्या श्री राम को पुकार रही हो) पर गुरुदेव ने सराक क्षेत्र को समय प्रदान किया और बाद मेँ सराक क्षेत्रो में सन्
1993-1994 मेँ वर्षायोग कर सारे देश को चकित कर दिया था ।
सराक क्षेत्रो मेँ आचार्यश्री द्वारा चलाई जाने वाली विभिन्न गतिविधियाँ :-
धार्मिक पाठशालाएँ – ग्रामो मेँ धार्मिक पाठशालाओं का लगाना(भौतिक ओर धार्मिक शिक्षा ) एवं मेधावी छात्रो को पुरस्कृत किया जाता है।
रोजगार प्रशिक्षण केन्द्र – बेरोजगार युवाओं को नि:शुल्क ड्राइविंग, टाइपिंग, कम्पाउण्डरी शिक्षा दी जाती है । सिलाई, कढ़ाई, बुनाई – माता बहिनों को सिलाई केंद्र खोलकर सिलाई- बुनाई की शिक्षा दी जाती है ।… प्रतिभाओं का निर्माण – निर्धन छात्र- छात्राओं को हर स्तर की पुस्तकेँ एंव उच्च स्तर की शिक्षा नि:शुल्क दी जाती है।विधवाओं को आर्थिक सहयोग- बेसहारा / विधवा बहिनो को आर्थिक सहयोग दिया जाता है।
नि:शुल्क उपचार – लम्बी बीमारियो से ग्रस्त रोगियों का नि:शुल्क उपचार किया जाता है।
भवनो का निर्माण – दिगम्बर सराक कमेटी द्वारा कमरो एवं भवनो का निर्माण किया जाता है
निर्माण एवं जीर्णोद्धार – मंदिरो का जीर्णोद्धार एवं आवश्यक स्थानों पर नए मंदिरोँ का निर्माण किया जाता है।
असहाय महिलाओं का सामूहिक विवाह – गरीब बहनो के विवाह के लिए आर्थिक सहयोग एवं प्रत्येक वर्ष एक सामूहिक विवाह की व्यवस्था है।
शिक्षण शिविर – धार्मिक शिक्षण शिविरो का आयोजन किया जाता है।
तीर्थ क्षेत्र वंदना – सराको को प्रत्येक वर्ष नि:शुल्क तीर्थक्षेत्र वंदना कराई जाती है।
कंप्यूटर केंद्रो का निर्माण- विभिन्न सराक क्षेत्रो में कंप्यूटर केंद्रो का निर्माण किया गया है।
सराको की अधिक जानकारी के लिए ज्ञान के हिमालय (पृष्ठ संख्या- 109) जरुर पढ़े ।
अध्यक्ष गजराज गँगवाल,
का.अध्यक्ष श्री किशोर जैन,
मन्त्री कमल जैन पाटोदी।