ऑल इंडिया जैन सीए फोरम

 

First ALL INDIA JAIN CA CONFERENCE -2011
(Under spiritual guidance of Acharya 108 Shri Gyan Sagar ji Maharaj)

Held on Sunday, 04th December, 2011
At Birla Matushree Sabhagruh, Mumbai

 

अखिल भारतीय जैन चार्टर्ड अकाउंटेंट सम्मेलन 2011

राष्ट्रसंत सराकोद्धारक उपाध्याय रत्न श्री 108 ज्ञानसागर जी महाराज के पावन सानिध्य में ऑल इंडिया जैन चार्टर्ड अकाउंटेंट कॉन्फ्रेंस मुंबई के बिरला मातोश्री सभागृह में आनंदमई तरीके से संपन्न हुआ। जिसमें पूरे देश से पधारे लगभग 900 CA ने भाग लिया। मुख्य अतिथि पद्मश्री डॉक्टर डी वाई पाटिल, राज्यपाल, त्रिपुरा राज्य, अध्यक्षता श्री केसी जैन सीए, विशिष्ट अतिथि श्री पवन बैद इनकम टैक्स कमिश्नर, कमल तातेर हाई कोर्ट जज, पंकज जैन सीए सदस्य सेंट्रल काउंसिल, एस के जैन, श्री जम्बूकुमार जी कासलीवाल रहे। स्वागत भाषण श्री जम्बूकुमार जी कासलीवाल जी ने किया।

कार्यक्रम का शुभारंभ ब्र. सरिता दीदी के मंगलाचरण से हुआ। चित्र अनावरण इत्यादि के पश्चात ब्र. अनीता दीदी ने पूज्य उपाध्याय श्री ज्ञानसागर जी महाराज के व्यक्तित्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि पूज्य उपाध्याय श्री की प्रेरणा से पूरे देश के प्रबुद्ध वर्ग को एक साथ जोड़ा जा रहा है जो जैन समाज के विकास के लिए मील का पत्थर साबित होगा।

श्री केसी जैन, सीए (मुंबई) ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि आज का दिन इतिहास के पृष्ठों में स्वर्ण अक्षरों में लिखा जाएगा। पूज्य श्री ने प्रथम बार जैन सीए कॉन्फ्रेंस की बात कही, सोचा, कैसे संभव होगा? पर पूज्य श्री के आशीर्वाद से यह कार्य आज संपन्न हो रहा है। एक साथ इतनी तादाद में बैठे हुए सभी जैन सीए को देखकर प्रसन्नता हो रही है। गवर्नर साहब को आज बेंगलुरु जाना था पर हम लोगों के निवेदन को उन्होंने स्वीकारा और आज वह हमारे बीच आए। हम सभी आगे भी इसी तरह संगठित होते रहें, ताकि परस्पर में एक दूसरे से मिल कर विचारों का आदान प्रदान कर सके।

मुख्य अतिथि पद्मश्री डी वाई पाटिल ने कहा कि वह हमेशा तीर्थंकर महावीर की वाणी से प्रभावित हुए हैं। जियो और जीने दो एवं अहिंसा के सिद्धांत पर चलकर महात्मा गांधी ने हमारे देश को आजादी दिलाई। उन्होंने कहा कि मेरे गांव श्रवणबेलगोला के पास ही है। इसलिए मेरे अंदर भी जैन धर्म के संस्कार हैं। उन्होंने आज अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि गुरुदेव ने अहंकार को दूर कर दिया है, सांसारिक वैभव छोड़कर त्याग मार्ग पर अपने कदम बढ़ा रहे हैं, ऐसे गुरुवर की प्रेरणा से आज का यह कार्यक्रम हो रहा है। यह समाज के लिए बहुत अच्छा समय है आज देश में उपाध्याय श्री ज्ञानसागर जी जैसे राष्ट्रीय संतों की आवश्यकता है।

उपाध्याय श्री ज्ञानसागर जी महाराज ने चार्टर्ड अकाउंटेंट को अपने कर्तव्य का बोध कराते हुए कहा कि जैन समाज के बुद्धिजीवी वर्ग के रूप में जाना जाता है। आज हमें देश समाज के प्रति अपने उत्तरदायित्व ईमानदारी के साथ निभाते हुए समाज के निचले तबके को भी ऊपर उठाने का प्रयास करना चाहिए। पूज्य श्री ने जैनों के इतिहास पर प्रकाश डालते हुए कहा कि जैन समाज का देश के विकास में महत्वपूर्ण योगदान रहा है चाहे स्वतंत्रता संग्राम हो गया देश पर आने वाली कोई भी विपत्ति। उन्होंने कहा कि आज एकता के साथ विकास करने का युग है। इसलिए जैन समाज के जाति तथा पंथ के मतभेद भुलाकर एक साथ आगे बढ़ना चाहिए। पूज्य श्री ने कहा कि आज मुंबई जैसे महानगर में जैन छात्रों के लिए छात्रावास की अत्यंत आवश्यकता है। यहां पूरे देश से आने वाले छात्र उच्च शिक्षा प्राप्त कर सकें एक से तीन पीढ़ी का विकास कर सकता है माता-पिता, स्वयं का परिवार एवं अपने बच्चों का। पूज्यश्री ने हर वर्ष एक CA कॉन्फ्रेंस करने की प्रेरणा दी। साथ ही मुम्बई में एक CA छात्रावास स्थापित करने के लिए समाज को प्रेरित किया।

मंच संचालन कवि चंद्रसेन ने अपनी कविता के माध्यम से जैन धर्म तथा जैन साधु की विशेषता का वर्णन किया। अध्यक्षीय भाषण में सीए के सी जैन ने कहा कि मैं यहां CA की पढ़ाई करने वाले सभी छात्रों को हर संभव सहायता करने के लिए तैयार हूं।

CA अनिल सिंघवी ने मर्जर एवं अधिकरण पर अपना सारगर्भित उद्बोधन दिया। सीए त्रिलेश शाह ने इन्वेस्टमेंट पर टिप्स दिए एवं कहा कि ईमानदारी से निवेश किया हुआ धन हमेशा लाभ देता है। कमिश्नर ऑफ इनकम टैक्स श्री पवन वेद में सदियों से होने वाले फिजूल खर्चे पर चिंता जाहिर की एवं कहा कि यह पैसे बचाकर समाज के निचले तबके के उत्थान में लगाना चाहिए। श्री एच सी पाटिल रिटायर्ड कमिश्नर आयकर ने कहा कि जैन धर्म के ज्ञान का अनुसरण विश्व के अनेक विज्ञानिकों ने किया एवं नोबेल पुरस्कार प्राप्त किया। सीए टीपी, सीए पंकज जैन, विपिन जैन आदि ने अपने विचार व्यक्त करते हुए सभी सीए के जीवन में विकास कर ऊंचाई तक पहुंचने के टिप्स दिए।

भवदीय ऑल इंडिया जैन सीए फोरम