9th अखिल भारतीय जैन डॉक्टर्स सम्मेलन
दिनांक 19/10/19 देहरा तिजारा जैन मंदिर के प्रांगण में 9th अखिल भारतीय जैन डॉक्टर्स सम्मेलन आचार्य श्री ज्ञान सागर जी ससंघ के सानिध्य में प्रारम्भ हुआ।
कार्यक्रम की शुरुआत मंगलाचरण व दीप प्रज्वलन व चित्र अनावरण के साथ हुई। स्वागत उद्बोधन करते हुए क्षेत्र अध्यक्ष श्री पवन कुमार जी जैन ने जैन श्रेष्ठियों को सर्वसमाज के कल्याण के लिए आगे आने का आह्वान किया।
आज के कार्यक्रम के मुख्य अतिथि श्रीमान सुरेश चंद जी जैन कुलाधिपति तीर्थंकर महावीर यूनिवर्सिटी, मुरादाबाद थे। कार्यक्रम के संयोजक डॉ डी सी जैन ने मांसाहार से होने वाली ब्रेन की बिमारी जैसे न्यूरोसिस्टिक, मिर्गी के दोरे एवं मांसाहार से होने वाली 160 से ज्यादा बिमारियों के बारे में बताया। उन्होंने बताया कि अगर हम शाकाहार को अपनाएं तो इन बिमारियों से बचा जा सकता है। उन्होंने विटामिन “B12” के सम्बंध में एक मिथक को भी दूर किया कि विटामिन B12 केवल मांसाहार में ही उपलब्ध होता है लेकिन ऐसा नहीं है। हम विटामिन B12 को गाय के दूध से भी प्राप्त कर सकते है जो कि इसका मुख्य स्रोत है। ऐसा करने से हम जियो और जीने दो की सार्थकता को भी पूर्ण कर सकते है।
डॉ दीपिका सोगानी दुर्लभ जी हॉस्पिटल ने बताया आर्थराइटिस में न केवल जोड़ो में दर्द व सूजन होती है बल्कि यह रोगी को मानसिक व सामाजिक तौर पर भी कमजोर कर देता है, इसे हम अपनी जीवन शैली, ध्यान, योग से भी कम कर सकते हैं।
डॉ एस के जैन ने थाइराइड की बीमारी को बहुत ही सामान्य बीमारी बताया यह बीमारी चार से पांच प्रतिशत लोगो को होती है। कमजोरी, थकान, कब्ज, याददाश्त में कमी, बाल झड़ना, मानसिक डिसऑर्डर, आंखों पर सूजन आ जाना इस बीमारी के प्रमुख लक्षण है। इस बीमारी के इलाज के लिए जीवन पर्यंत एक दवा लगातार लेनी होती है एवम अपने चिकित्सक के संपर्क में बने रहना चाहिए।
डॉ वैभव जैन ने बताया कि बोन हेल्थ से सम्बंधित बिमारियों को शाकाहार के माध्यम से कैसे ठीक किया जाए इस बारे में विस्तार से बताया।
डॉ संजय सोगानी दुर्लभ जी हॉस्पिटल ने बताया कि जिनको सक्रिय टी बी की बीमारी हो उन्हें उपवास से बचना चाहिए। दमा रोगियो के सम्बंध में उन्होंने बताया कि उन्हें इनहेलेशन दवाओ के साथ ही व्रत उपवास करना चाहिए। डॉ सिद्धार्थ जैन ने पेट की बिमारियों से बचने के लिए शाकाहार, समय से खाना, आत्मानुशाशन की महत्ता को समझाया एवं अगर हम इन चीजों को अपने जीवन मे नियमित रूप से अपना ले तो हृदय की बिमारियों, शुगर, मोटापा, एवं काफी बिमारियों से बचा जा सकता है।
तदनंतर आचार्य श्री ने अपने उद्बोधन में चिकित्सकों से आह्वान किया कि अगर आपके पास कोई असहाय गरीब रोगी आये तो उनके प्रति करुणा दया का भाव रखे, निर्लोभ प्रवृत्ति से उनका उपचार करें, हर रोगी को शाकाहारी भोजन के लिए प्ररित करें, नशीले पदार्थो एवम गलत आदतों से होने वाले दुष्प्रभाव के बारे में जानकारी दें एवं उनसे दूर रहने के लिए प्रेरित करें। मां पिता की सेवा, एवं प्रभु की प्रार्थना करने की प्रेरणा दें ताकि यह सेवा और प्रार्थना आपके तन मन को स्वस्थ रखने में माध्यम बने एवं जनमानस का कल्याण हो सके।
क्षेत्र सचिव अंकुश जैन ने बताया कि आज के कार्यक्रम में अलवर, भिवाड़ी तिजारा, जयपुर, दिल्ली, गुजरात, मुम्बई, पूना, उ.प्र. एवं पूरे भारत वर्ष से करीब 200 विशेषज्ञ चिकित्सकों ने भाग लिया। कार्यक्रम में काफी संख्या में स्थानीय लोगो ने भाग लेकर स्वास्थय लाभ लिया।
टीम ज्ञानवाणी के Whatsapp नेटवर्क से जुड़ने के लिए 9536835835 को save करें तथा जय जिनेन्द्र भेजें।